गन्ने के बीज का चयन करते समय यह सावधानियां रखे

गन्ने के बीज का चयन करते समय यह सावधानियां रखे भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अजय कुमार साह गन्ने की ट्रेंच विधि के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं कि इस विधि से गन्ने का उत्पादन कैसे बढ़ाया जा सकता है।

उन्नत जाति के स्वस्थ्य शुद्ध बीजों का ही चयन करें।

बीज एक परिपक्व बीजांड है, जो निषेचन के बाद क्रियाशील हो जाता है, पानी, हवा, सूर्य का प्रकाश आदि उचित परिस्थितियाँ मिलने पर बीज क्रियाशील हो जाता है गेहूं और धान देश के सिंचित क्षेत्र में उगाई जाने वाली दो प्रमुख अनाज फसलें हैं। इन फसलों का उत्पादन बढ़ाने, फसल को बीमारियों से बचाने और अच्छी गुणवत्ता वाला अनाज प्राप्त करने के लिए उन्नत किस्म के बीजों का विकास किया गया है। गेहूं और धान के अलावा मोटे अनाज, दालें, तिलहन और फल-सब्जियों की भी उन्नत किस्में विकसित की गई हैं। किसानों को ऐसे बीज उपलब्ध हों, इस दिशा में बराबर प्रयास किये जा रहे हैं।

बीज कहाँ से प्राप्त करें

हर तीन या चार साल में बीज बदलना एक अच्छी नीति है, जिसके परिणामस्वरूप अच्छी फसल होती है। अच्छी पैदावार के लिए प्रमाणित बीज का प्रयोग करें, जो किसी अच्छे संस्थान से ही प्राप्त हो। इससे बीज की किस्म का अच्छा संघनन और गुणवत्ता सुनिश्चित होती है, साथ ही बीज की शारीरिक बीमारियों से भी मुक्ति मिलती है।

अच्छे बीजों के गुण एवं लक्षण

फसलों के अच्छे बीजों के गुण एवं विशेषताएँ:- अच्छा बीज वह होता है जिसकी अंकुरण क्षमता अधिक होती है तथा जो रोगों, कीटों, खरपतवार के बीजों तथा अन्य फसलों के बीजों से मुक्त होता है। किसान अच्छे बीज बोकर उपज और अपनी आय बढ़ा सकते हैं। जबकि खराब गुणों वाले बीज बोने से किसान की मेहनत और खर्च खेती के अन्य कार्यों जैसे खाद देना, पानी देना, खेत तैयार करना आदि में बर्बाद हो जाता है। फसलों के अच्छे बीजों के गुण और विशेषताएं निम्नलिखित प्रकार की होती हैं-

गन्ने के बीज का चयन करते समय यह सावधानियां रखे

  • उपरोक्त श्लोक से यह स्पष्ट हो गया है कि अनुपयुक्त भूमि में बीज बोने से बीज नष्ट हो जाते हैं तथा आबीज अर्थात् घटिया बीज भी खेत में लकड़ी बनकर रह जाते हैं। अच्छी मिट्टी ही प्रचुर उत्पादन दे सकती है
  • गन्ने के बीज की आयु लगभग 8 माह या उससे कम होने पर अंकुरण अच्छा होता है। बीज ऐसे खेत से लें जो रोग एवं कीटों से मुक्त हो तथा जिसमें उचित मात्रा में खाद एवं पानी दिया गया हो।
  • जब भी संभव हो, नरम गर्म हवा से उपचारित (54 डिग्री सेल्सियस और 85% आर्द्रता पर 4 घंटे) या टिशू कल्चर से उत्पादित बीज चुनें।
  • हर 4-5 साल में बीज बदलें क्योंकि समय के साथ रोग और कीटों का प्रकोप बढ़ता है।
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