सितंबर में गन्ने को लम्बा और मोटा करने के अचूक उपाय

सितंबर में गन्ने को लम्बा और मोटा करने के अचूक उपाय- भारत में गन्ना की खेती कृषि क्षेत्र में एक जरूरी भूमिका निभाती है. तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि गन्ने की फसल से हम अधिक उत्पादन कैसे कर सकते हैं? गन्ने को बेहद अधिक फुटाव,मोटा एवं लम्बा करने के लिए क्या करना चाहिए. इसकी सम्पूर्ण जानकारी हम आपको इस लेख में देंगे…

सितंबर में गन्ने को लम्बा और मोटा करने के अचूक उपाय

भारत में गन्ना एक बेहद महत्वपूर्ण वाणिज्यिक फसलों में से एक है. भारत दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है एवं इस चीनी का मुख्य स्रोत गन्ना ही है. ऐसे में भारत में गन्ना की खेती कृषि क्षेत्र में एक जरूरी भूमिका निभाती है.

गन्ना बोने से पहले इन बातों पर दें सबसे ज्यादा ध्यान

सबसे पहले किसान भाई को अपनी फसल में से खरपतवार को अलग करना चाहिए. गन्ने की फसल में किसान भाई खरपतवार को निराई और गुड़ाई करके निकाल सकते हैं. बुवाई से पहले देसी हल की 5-6 जुताइयां करनी चाहिए, क्योंकि बुवाई के समय खेत में नमी होना बेहद जरूरी है.

सितंबर में गन्ने को लम्बा और मोटा करने के अचूक उपाय
सितंबर में गन्ने को लम्बा और मोटा करने के अचूक उपाय

गन्ने की फसल में सिंचाई का नियमित प्रबंधन करें.

किसान अपने खेत में तैयार करें बीज

अपने ही खेत में किसान गन्ने का बीज अलग से तैयार कर लें. इस दौरान इस बात का बेहद ध्यान रखना जरूरी है कि उसमें कीट और बीमारी का इस्तेमाल नहीं हुआ हो. तैयार किए हुए बीज की बुवाई 8 से 10 महीने में कर दें, तो उसका जमाव 10-15 प्रतिशत अधिक होगा. इस दौरान बीज को जीवाणु रहित करने के लिए बाविस्टिन का घोल बनाकर उसको डीप करके बुवाई कर दें .

गन्ने को मोटा करने के लिए क्या डालें?

किसानों के तहत , कोराजन गन्ने की खेती के लिये एक बेहतरीन कीटनाशक दबा है. इसके इस्तेमाल से न केवल गन्ने की फसल अच्छी होती है, बल्कि गन्ना लंबा एवं मोटा भी पैदा होता है. इसलिए इस महीने किसान भाई गन्ने की फसल के लिये कोराजन का जमकर प्रयोग कर रहे हैं.

गन्ना उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए गन्ने के साथ इस तरह की फसल का चयन करें, जो की गन्ने की फसल से प्रतिस्पर्धा ना करें. जैसे प्याज, आलू, राजमा, धनिया, मूंग, उड़द जैसी सब्जियां लगायें.

बहुत किसान भाइयों का मानना है कि शराब और डिटर्जेंट से गन्ने की फसल और बेहद अच्छी होती है, क्योंकि इसके इस्तेमाल से फसल में कीट नहीं लगने से पैदावार में बढ़ोतरी होती है, जिससे गन्ने मोटे एवं लंबे पैदा होते हैं. कुछ किसान महंगे कीटनाशकों के बजाय ऑक्सीटोसिन भी यूरिया में मिलाकर डाल रहे हैं. दरअसल , कृषि विशेषज्ञों के तहत , इन तथ्यों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, लेकिन फिर भी किसान धड़ल्ले से इस नई ‘तकनीक’ का प्रयोग कर रहे है.

किसान अपने खेत में जैविक खाद का इस्तेमाल करें. इसके साथ ही गोबर को सड़ाकर उसे अंतिम जुताई से पहले खेतों में डालें. बुवाई करते समय दो बीजों के बीच दूरी बनाएं. गन्ने के बीज को अधिक बुवाई करें, क्योंकि इससे गन्ना धीर-धीरे बढ़ता है और उसका वजन भी बहुत ज्यादा रहता है. गन्ने के लिए दोमट मिट्टी का खेत बेहद बढिय़ा विकल्प है, लेकिन भारी टोमट मिट्टी को गन्ने की फसल के लिए सबसे अच्छा नहीं माना जाता हैं.