आज वसंत पंचमी का त्योहार है। वसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की पूजा करने का महत्व होता है।

इस दिन विवाह, गृह प्रवेश, विद्यारंभ और नया कार्य करना काफी शुभ होता है।

वसंत पंचमी एक अबूझ मुहूर्त है, जिसमें किसी भी तरह के शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त का विचार नहीं किया जाता है।

महाकवि कालिदास ने ऋतुसंहार नामक काव्य में वसंत पचंमी को ''सर्वप्रिये चारुतर वसंते'' कहकर अलंकृत किया है।

गीता में भगवान श्री कृष्ण ने ''ऋतूनां कुसुमाकराः'' अर्थात मैं ऋतुओं में वसंत हूं कहकर वसंत को अपना स्वरूप बताया है

वसंत पंचमी के दिन ही कामदेव और रति ने पहली बार मानव ह्रदय में प्रेम और आकर्षण का संचार किया था।

वसंत पंचमी के दिन ही कामदेव और रति ने पहली बार मानव ह्रदय में प्रेम और आकर्षण का संचार किया था।

इस दिन कामदेव और रति के पूजन का उद्देश्य दांपत्त्य जीवन को सुखमय बनाना है

जबकि सरस्वती पूजन का उद्देश्य जीवन में अज्ञानरुपी अंधकार को दूर करके  ज्ञान का प्रकाश उत्त्पन्न  करना है ।