UP: अब एक फोन पर गन्ना किसानों की समस्याएं का समाधान होगा, 24 घंटे में मिलेगी सुविधा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए आधुनिक सुविधाओं से युक्त टोल फ्री कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गई है. UP: अब एक फोन पर गन्ना किसानों की समस्याएं का समाधान होगा, 24 घंटे में मिलेगी सुविधा सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गन्ना विकास विभाग के मुख्यालय में यह कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. कॉल सेंटर कर्मियों द्वारा किये जा रहे कार्यों में प्रगति लाना एवं सुझावों को कंट्रोल रूम में भेजना। कंप्यूटिंग सिस्टम, ई.पी.बी. एक्स इंटरकॉम और वेब आधारित सॉफ्टवेयर जैसी आधुनिक सुविधाओं से जुड़ा है

विशेषज्ञ क्या कहते हैं

यूपी के गन्ना किसानों के लिए जारी 24X7 हेल्पलाइन नंबर की सुविधा के बारे में गन्ना विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने मीडिया को बताया कि इस ट्रोल फ्री नंबर से जुड़े कंट्रोल रूम में काम करने वाले लोगों का काम आसान हो जाएगा. इसे मजबूत करने के लिए इसे हाईटेक और आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। इससे फोन करने वाले गन्ना किसानों को भी असुविधा नहीं होगी.

UP: अब एक फोन पर गन्ना किसानों की समस्याएं का समाधान होगा, 24 घंटे में मिलेगी सुविधा
UP: अब एक फोन पर गन्ना किसानों की समस्याएं का समाधान होगा, 24 घंटे में मिलेगी सुविधा

किसानों को मिलेंगी ये सुविधाएं

यूपी में गन्ने की खेती करने वाले किसानों की संख्या अधिक है. कई बार किसानों को अपनी कृषि या तकनीकी समस्याओं के समाधान के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, ताकि किसान बिना किसी परेशानी के फोन पर समाधान पा सकें। अब टोल फ्री नंबर 1800-121-3203 पर अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने कहा कि कंट्रोल रूम में टोल फ्री नंबर पर कॉल करने वाले गन्ना किसानों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए.

इसके लिए यहां कर्मियों की अवकाश अवधि के दौरान काम करने के लिए कुशल और अनुभवी कर्मियों की एक बैकअप टीम भी गठित की गई है। उन्होंने कहा कि किसान गन्ने की खेती से संबंधित विभिन्न समस्याओं के लिए विभागीय टोल फ्री नंबर 1800-121-3203 पर जानकारी एवं सुझाव प्राप्त कर सकते हैं

तथा गन्ना खेती से संबंधित सर्वेक्षण, अनुमान, कैलेंडर पर्ची एवं नवीनतम जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को 24 घंटे सहायता उपलब्ध करायी जायेगी. विभागीय नोडल अधिकारी प्रतिदिन नियंत्रण कक्ष का निरीक्षण कर कार्मिकों को आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे। इन तकनीकी व्यवस्थाओं से किसानों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और उनका समय और पैसा बचेगा।

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