हाइड्रोपोनिक्स खेती कैसे करें ,खेती करने का सही तरीका सीखें

हाइड्रोपोनिक्स खेती कैसे करें ,खेती करने का सही तरीका सीखें आज कृषि में नई-नई तकनीकों का प्रयोग हो रहा है। इससे फसलों का अधिक उत्पादन प्राप्त करने में मदद मिल रही है। बदलते समय के साथ किसान भी इन आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर लाभ कमा रहे हैं। इन्हीं आधुनिक तकनीकों में से एक है हाइड्रोपोनिक खेती, जो किसानों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। खेती की इस तकनीक की खास बात यह है कि इस तकनीक से खेती करने के लिए न तो लंबे खेत की जरूरत होती है और न ही मिट्टी की।

जानिए कैसे करें हाइड्रोपोनिक खेती, हाइड्रोपोनिक खेती की पूरी जानकारी 

इस तकनीक में सिर्फ रेतीली मिट्टी और कंकड़ का इस्तेमाल कर कमरे में भी इसकी खेती की जा सकती है। आप चाहें तो इस तरह की खेती के लिए अपनी छत का इस्तेमाल कर सकते हैं। हाइड्रोपोनिक खेती की इस विशेषता के कारण विदेशों में भी किसान इस तकनीक का प्रयोग कर अच्छा पैसा कमा रहे हैं। हमारे देश में भी कई स्मार्ट किसान इस तकनीक से खेती कर रहे हैं और इसके बेहतर परिणाम के साथ-साथ उन्हें इससे काफी अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है.

हाइड्रोपोनिक खेती किन फसलों के लिए की जा सकती है?

छोटे पौधों के लिए हाइड्रोपोनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तकनीक का उपयोग मटर, गाजर, मूली, शलजम, शिमला मिर्च, अनानास, टमाटर, भिंडी, अजवाइन, तुलसी, तरबूज, खरबूजा, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी जैसी फसलों के उत्पादन के लिए किया जा सकता है।

पौधे पोषक तत्व कैसे प्राप्त करते हैं

पौधों को बढ़ने के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जो उन्हें मिट्टी में मौजूद तत्वों से मिलता है, अगर मिट्टी का उपयोग ही नहीं होगा तो पौधों को पोषक तत्व कैसे मिलेंगे। इसके लिए फास्फोरस, नाइट्रोजन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटाश, जिंक, सल्फर, आयरन जैसे पोषक तत्व और खनिज उचित मात्रा में मिलाए जाते हैं।

हाइड्रोपोनिक्स खेती कैसे करें ,खेती करने का सही तरीका सीखें
हाइड्रोपोनिक्स खेती कैसे करें ,खेती करने का सही तरीका सीखें

यह मिश्रित घोल निर्धारित समय पर देना चाहिए। जिससे पौधों को सभी पोषक तत्व मिल जाते हैं और पौधे आसानी से बढ़ते हैं।

हाइड्रोपोनिक खेती की लागत

इस प्रकार की तकनीक का उपयोग करने की लागत पहले अधिक होती है, लेकिन सिस्टम के निलंबित होने के बाद। तब आप इसकी खेती करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इसमें कम जगह में ज्यादा पौधे उगाए जा सकते हैं। इसमें आने वाली लागत की बात करें तो हाइड्रोपोनिक तकनीक को स्थगित करने में प्रति एकड़ करीब 50 लाख रुपये का खर्च आएगा।

अगर आप इस तकनीक को कम जगह में लागू करना चाहते हैं, तो 100 वर्ग फुट क्षेत्र की लागत लगभग 50,000 से 60,000 रुपये हो सकती है। इस क्षेत्र में लगभग 200 पौधे उगाए जा सकते हैं। आप चाहें तो अपने घर की छत पर भी इस तकनीक का इस्तेमाल कर खेती कर सकते हैं।

हाइड्रोपोनिक्स के लिए पानी की व्यवस्था करें

हाइड्रोपोनिक खेती पूरी तरह से पानी पर निर्भर है, लेकिन यह काम बहुत ही कम पानी में पूरा हो जाता है. हाइड्रोपोनिक प्रणाली में सिंचाई का नियम है कि पौधे की जड़ हमेशा गीली होनी चाहिए लेकिन तना सूखा होना चाहिए।

इस प्रणाली में पानी केवल पाइपों से बहता है। यहां पानी में ध्यान रखने वाली बात यह है कि आपको पानी की पीएच वैल्यू को बैलेंस करना है। एक आदर्श पानी का पीएच मान लगभग 7 होता है। इस पानी के पीएच मान को बढ़ाने और घटाने के लिए इसमें विभिन्न रसायन मिलाए जाते हैं।

हाइड्रोपोनिक खेती का इतिहास क्या है?

हाइड्रोपोनिक खेती की शुरुआत 1937 में हुई थी। हाइड्रोपोनिक खेती सबसे पहले इराक में की गई थी। इसके बाद यह खेती ज्यादातर नीदरलैंड में की जाती है।

यह भी पढ़े