धान की फसल में खाद प्रबंधन : धान की अच्छी ग्रोथ के लिए क्या डालें?

धान की फसल में खाद प्रबंधन :- नमस्कार किसान मित्रों, आज हम बात करेंगे कि धान की फसल में खाद का प्रबंधन कैसे करें। खाद प्रबंधन हमारी पैदावार बढ़ा या घटा सकता है। आपकी फसल की उपज उस समय पर निर्भर करती है जिस समय आप अपनी फसल को खाद देते हैं। सही समय पर खाद डालने से आपकी फसल में कलियों को बढ़ाने के लिए अलग से कोई टॉनिक देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसलिए किसान भाइयों को खाद प्रबंधन पर बहुत ध्यान देना चाहिए। अगर आप खाद का सही प्रबंधन करेंगे तो आपकी उपज भी बढ़ेगी और फसल पर आपका खर्चा भी काम आएगा।

धान की फसल में खाद देने से पहले यह जान लेना चाहिए कि कौन सी खाद किस समय देनी है। यह सब जानने के लिए आपके लिए चावल के पौधे के विकास के महत्वपूर्ण चरणों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है।

  • धान की फसल में 3 अवस्थाएँ महत्वपूर्ण होती हैं।
  • प्रारंभिक ग्राउट चरण
  • जुताई का चरण
  • पुष्पगुच्छ दीक्षा चरण
  • प्रारंभिक ग्राउट चरण

पौधे की प्रारम्भिक वृद्धि के लिए फास्फोरस, पोटाश तथा गंधक की आवश्यकता होती है। इस अवस्था में नाइट्रोजन की आवश्यकता कम होती है। इसलिए पोटाश, गंधक और फास्फोरस की पूरी मात्रा शुरुआत में ही देनी चाहिए। जड़ों का विकास भी इसी अवस्था में होता है। रोपाई के 14 दिन बाद तक धान प्रारंभिक विकास अवस्था में होता है।

जहां धान नहीं उग रहा हो वहां किसान 2.5 किलो यूरिया और 100 लीटर जिंक प्रति एकड़ 100 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। इसके बाद धान की बिजाई शुरू हो जाएगी। जहां पानी की बहुत कमी हो, वहां की जमीन को सूखने न दें, तीसरे से चौथे दिन उस पर पानी लगाएं।

धान की फसल में खाद प्रबंधन
धान की फसल में खाद प्रबंधन

पुष्पगुच्छ दीक्षा चरण

पुष्पगुच्छ निकलने की अवस्था में पौधे को अधिक नाइट्रोजन और पोटाश की आवश्यकता होती है। पुष्पगुच्छ निर्माण आमतौर पर कटाई से लगभग 55 से 60 दिन पहले होता है।

पहली खाद

रोपे गए धान में हमें पहले हफ्ते में यानी 1 से 7 दिन के अंदर पहली खाद खेत में डालनी होती है। इसमें हमें 34 किलो यूरिया + 50 किलो डीएपी + 3 किलो सल्फर का इस्तेमाल करना है।

दूसरा उर्वरक

दूसरी खाद रोपाई के 15-16 दिन बाद देनी होती है। इस खाद में हमें 34 किलो यूरिया + 4 किलो जिंक सल्फेट का इस्तेमाल करना है।

तीसरी कक्षा

तीसरी खाद हमें रोपाई के 25-28 दिन बाद देनी होती है। इस खाद में हमें 34 किलो यूरिया का इस्तेमाल करना है। अगर आपके धान में पीलापन है तो आप इस समय 10 किलो आयरन जिंक (फेरस सल्फेट) भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

चौथी खुराक

चौथी और आखिरी खाद 42-45 दिन पर देनी होती है। इस खाद में हमें 34 किलो यूरिया + 20 किलो एमओपी का इस्तेमाल करना है।

किसान भाई खाद डालने की जो विधि मैंने बताई है कृपया उस पर ध्यान दें। यह आपके मध्यम समय की किस्मों के लिए है। यदि आप अपने खेत में कम अवधि या लंबी अवधि के धान की किस्म लगाते हैं। तो उसके लिए आप इस निषेचन समय को 2 से 3 दिन पीछे ले जा सकते हैं। यदि आप कम अवधि के लिए धान बोते हैं, तो आप इसे 2 दिन कम कर सकते हैं और यदि आप अधिक अवधि के लिए धान बोते हैं, तो आप इसे 2 दिन बढ़ा सकते हैं।

जुताई का चरण

इस समय पौधे को अधिक नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। इस समय पौधे को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है ताकि वह अपनी कलियों का उचित आधार बना सके। धान में गांठ बनने का समय 45 से 50 दिनों तक रहता है।

प्रतिरोपित चावल में उर्वरक प्रबंधन

धान की फसल में अधिक उपज प्राप्त करने के लिए हमें उर्वरक प्रबंधन इस प्रकार करना चाहिए कि हमारी फसल में कलियों का विकास अधिक से अधिक हो। गांठ बनाने की हमारी प्रक्रिया उस अनुपात और समय पर निर्भर करती है जिसमें हमने खाद डाली है। हमें रोपित धान में खाद प्रबंधन निम्न प्रकार से करना होगा। कद्दू की बुवाई से पहले खेत की तैयारी के समय 30 किग्रा यूरिया का प्रयोग करना चाहिए। यह यूरिया खेत तैयार करने के लिए है। आप यह यूरिया भूल जाते हैं कि हमने इसमें यूरिया डाला है।

यदि आप अपनी धान की फसल में ऊपर बताए अनुसार खाद प्रबंधन करते हैं। तो आपको अलग से कोई टॉनिक देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आपको बीच में कोई ग्रोथ प्रमोटर लगाने की जरूरत नहीं है, बिना ग्रोथ प्रमोटर के आपकी फसल में अंकुरण अच्छा होगा और आपकी उपज भी बढ़ेगी।

सामान्य प्रश्न

    • यूरिया कितने समय तक काम करता है?
    • अगर आप जमीन पर यूरिया छिड़कते हैं तो इससे आपकी फसल को 1 हफ्ते तक नाइट्रोजन की आपूर्ति होती है। कहने का तात्पर्य यह है कि यूरिया 7 दिन तक अपना कार्य करती है।
    • अधिक यूरिया डालने से क्या होता है?
    • यूरिया यूरिया हमारी फसल को कच्चा कर देता है। यदि हम अधिक यूरिया का प्रयोग करेंगे तो हमारी फसल नर्म हो जायेगी और उसमें कीट एवं रोग लगने की संभावना अधिक होगी।
    • धान में कौन सा टॉनिक लगाना चाहिए ?
    • धान की अधिक उपज तथा अधिक पुष्पक्रमों के विकास के लिए 250 मिली सागरिका (इफको) का दो बार प्रयोग करना चाहिए।