diesel ki kheti : किसान अब कर सकेंगे डीजल की खेती,कुछ ही महीनों में बन जाओगे करोड़पति, देखें पूरी जानकारी

diesel ki kheti: किसानों की खेती में एक नया आयाम जन्म ले रहा है- डीजल खेती. जेट्रोफा पौधे को आम बोलचाल की भाषा में “डीजल पौधा” कहा जाता है। इस पौधे के बीजों से बायोडीजल निकाला जाता है और किसानों को इससे अच्छा मुनाफा मिलता है.

डीजल खेती की विधि

जेट्रोफा की खेती के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही डीजल की खेती के लिए अच्छे जल निकास वाले खेत की आवश्यकता होती है। यह पौधा शुष्क क्षेत्रों जैसे राजस्थान, उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों और मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में अच्छी तरह से उगता है। जेट्रोफा के पौधे को सीधे खेत में लगाने की बजाय पहले इसकी नर्सरी बनाई जाती है, फिर इन पौधों को खेत में लगाया जाता है. यह पौधा एक बार लगाने पर तीन से चार साल तक फसल देता है।

diesel ki kheti

जेट्रोफा बीज से डीजल उत्पादन

जेट्रोफा पौधों से डीजल का उत्पादन एक विशेष प्रक्रिया से होकर गुजरता है। सबसे पहले जेट्रोफा पौधे के बीजों को फलों से अलग करना होता है, फिर उन्हें अच्छी तरह से साफ कर लिया जाता है. उन बीजों को एक मशीन में डाला जाता है जहां से डीजल तेल निकलता है. यह प्रक्रिया सरसों से तेल निकालने की प्रक्रिया की तरह है।

डीजल की मांग बढ़ी

डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण दुनिया भर में डीजल की मांग बढ़ गई है। भारत सरकार भी किसानों की मदद कर इसकी खेती को बढ़ावा दे रही है। इसलिए, यदि भारतीय किसान इसकी खेती करें और बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करें, तो यह उन्हें पारंपरिक फसलों की तुलना में अधिक मुनाफा प्रदान करेगा।